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Thursday, December 20, 2018

संतुष्टि की दौड़ | Santoshti ki daud | Hindi Kahani ( हिंदी कहानी )

आज दुनिया मे ऐश, आराम और पैसे के मुकाबले मे सभी एक दूसरे से आगे निकलना चाहते है। यह सब पाने के लिए लोग यह नही देखते के यह सब कठिन मेहनत के बिना संभव नही है। वह गलत रास्ते चुन कर रातो रात अमीर होना चाहते है । इसी मुकाबले मे एक ऐसा व्यक्ति फंस जाता है जो जीवन को कम आमदन मे भी बेहतर ढंग से चला रहा था।

    रमेश एक प्राइवेट कंपनी मे सुपरवाइजर के पद पर काम करता था। अच्छी भली आमदन थी। घर का सारा खर्च निकाल कर अच्छी बचत भी हो जाती  । कोई भी तनाव वाला काम नही था। कंपनी मे काम खत्म करके रमेश अक्सर घर जल्दी आ जाता  । घर जल्दी आने की वजह से वह अपने घर परिवार के लोगो को भी समय दे पाता । और वह अपने घर के कामो मे भी मदद कर देता । बाजार के कामो के लिए भी बहुत समय मिल जाता ।



         रमेश का एक दोस्त  कमल उसी के साथ उसकी कंपनी मे काम करता था पर दूसरी नौकरी मिलने के कारण उसने कंपनी छोड़ दी थी । कुछ महीनो बाद कमल के बारे मे बातें फैलने लगी कि वह अच्छा पैसा कमा रहा है । कंपनी मे रमेश ने भी अपने साथ काम करने वालो से यही सुना कि वह बहुत अधिक पैसे कमा रहा है अगर वो ऐसे ही काम करता रहा तो बहुत जल्दी अमीर हो जाएगा। यह सब सुनकर रमेश  गहरी सोच मे पड़ गया कि कमल को ऐसी कौन सी नौकरी मिल गई जिससे वो रातो रात अमीर हो जाएगा।

    कम्पनी मे  कमल के बारे मे बाते होने लगी। मानो कमल लोगो की नजर मे बहुत अमीर व्यक्ति बन गया हो। कुछ दिनो बाद ही कमल ने नई कार भी खरीद ली। यह बात भी आग की तरह चारो तरफ फैल गई । रमेश को भी इस बात का पता चला तो वह हैरान रह गया। रमेश सोच मे पड़ गया । अब उसके दिमाग मे भी कमल की तरह ज्यादा पैसे कमाने की चाहत पैदा होने लगी। कंपनी की ज्यादातर कर्मचारी कमल जैसा बनने की सोचते रहते ।

        रमेश के मन अन्दर भी ज्यादा पैसे कमाने के ख्याल आने लगे । उधर दिन बीतते ही कमल अमीर होता चला गया । किसी ने भी यह नही सोचा के वह काम क्या करता है। लोगो को उसकी अमीरी दिख रही थी और यह रातो रात आई अमीरी की चमक लोगो की आंखे मे भी अमीर बनने के सपने दिखा रही थी। रमेश इस दौड़ मे पहले नम्बर पर था। यहा तक कि यह जनून रमेश के परिवार वालो मे भी दिखने लगा था।

   रमेश जब भी काम से घर आता तो परिवार के लोग उससे कमल के साथ काम करने के लिए बोलते। अब सभी को कमल जैसे आराम के लिए अपनी जरूरते बढ़ती दिखने लगी। यह ना खत्म होने वाली जरूरते पूरी करने के लिए बहुत सारे पैसो की आवश्यकता थी। तो यही जरूरते रमेश को कमल के पास काम मांगने के लिए मजबूर कर देती है। जब वह कमल के पास काम के लिए पूछताछ करने के लिए गया तो कमल की बात सुनकर वह हैरान रह गया। कमल ने उसे बताया के काम बहुत आसान है बस कुछ सामान एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना होता है।

      रमेश उसकी सारी बात सुनकर कर घर आ गया। उसे लगा कि यह काम तो बहुत आसान है और वह भी काम कर लेगा। पर रात को जब वह सोने गया तो उस के मन मे यह चलने लगा कि जरूर कुछ ना कुछ गडबड है। कोई भी आसान काम रातो रात किसी को भी अमीर नही बना सकता। दूसरे दिन रमेश कमल के पास नही गया और कंपनी मे काम करते हुए भी उसका मन बैचेन था।

     अगले दिन जब वह काम पे जाता है तो कंपनी का एक कर्मचारी उसके पास आता है और हैरान हुआ बोलता है कि उसे कमल के अमीर होने का मंत्र पता चल चुका है। रमेश ने जब उसे कहा कि वो मंत्र मुझे भी बता दे। तो उस कर्मचारी ने रमेश के हाथ मे अखबार पकड़ा दी। अखबार मे कमल की फोटो आई हुई थी। नशा तसकरी के जुर्म मे उसे पुलिस वालो ने पकड़ लिया था । अब रमेश को सारी कहानी समझ आ चुकी थी।  कमल के पास ना जाने का फैसला उसे सही लगा । उसके मन की बैचेनी खत्म हो चुकी थी।

      रमेश अब फिर से अपने काम से संतुष्ट रहने लगा । इस घटना के बाद उसका जीवन और अच्छा और संतोषजनक हो गया। जरूरते सभी की होती है सभी अपने जीवन का स्तर ऊंचा उठाना चाहते है। पर दुनिया मे कोई भी ऐसा आसान रास्ता नही है जो आपको रातो रात अमीर बना दे। इसलिए अपने जीवन से अपने काम से संतुष्टि रखे और निरन्तर आगे बढ़ने के प्रयत्न करे।


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