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Sunday, September 2, 2018

कहानी (kahani) - सबक - The lesson | Sabak

1  साल हो गया मुझे सरकारी नौकरी के लिए exam देते,  पर हर जगह असफलता ही हाथ लगी । इसी संघर्ष के बीच किसमत ने मानो करवट ली। मेरा एक written exam कलीयर हो गया और अब interview की बारी थी ।  सभी पास और  चुने हुए उम्मीदवार मोहाली interview के लिए पहुंचे । पर मानो जैसे वहा भी असफलता मुझे अपने गले लगाने को तैयार बैठी हो। एक बार फिर निराशा हाथ लगी ।



उदास मन के साथ मे बस stop की तरफ चल पड़ा । मन मे चलने लगा कि घर वाले क्या कहेंगे?,  लोग और रिश्तेदार तरह-तरह की बाते करेंगे,  अब बहुत हो गया कोई private नौकरी ढूंढ लूगा।  असलताओं के थपेड़ो ने मेरे होंसले को तोड़ दिया था ।

         मैंने घर के लिए बस पकड़ ली। मेरी साथ वाली सीट पे एक लड़का आ बैठा । वो बहुत खुश नजर आ रहा था । मेरे हाथ मे प्रवेश पत्र देखकर उसने मुझे पूछा के तुम भी interview देकर आए हो क्या?  मैंने हाँ मे सिर हिला दिया और किस्मत का रोना रोने लगा । मैंने भी उसे यही पूछा और उसने  बताया कि वो भी interview के लिए आया और वो पास हो गया है ।  पास होने की खुशी उस के चेहरे पे साफ साफ दिख रही थी और मेरे चेहरे पर फेल होने का गम।

    बातों ही बातों मे मैनें उसे सारा दुख सुना दिया,  फिर उसने भी अपने संघर्ष के बारे मे बताया कि मैं तो तीन साल से लगातार exams दे रहा हू ,  2 साल बाद  मैं भी तुम्हारी तरह हिम्मत हार के बैठ गया था पर घर की गरीबी और लोगो की बातो ने मेरे इरादे को पक्का कर दिया । मैंने अगले साल पढ़ने मे दिन रात एक कर दी। अब मेरे सबर और मेहनत  का फल सबके सामने है ।

   उसकी इस बात ने मेरे अंदर उम्मीद की एक किरण जगा दी ।  मन ही मन मे मैने भी exam पास करने का ठान लिया ।  पूरे  2 साल बाद मुझे भी नौकरी मिल गई, मैं आज खुशी खुशी नौकरी कर रहा हू। सभी लोगो की बातो पर जैसे ब्रेक लगा गया हो । तो बात सिर्फ हिम्मत और होंसला बनाए रखने की है ।  कब और कहाँ किसी की कहीं बाते आप के मन को बदल कर रख दे किसी को भी नही पता, आप     मेहनत करते चले जाइए,  सफलताएं खुद ब खुद आपको मिलती जाएगी ।
    

     

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