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Sunday, May 5, 2019

Tips to keep your health healthy in hindi | सेहत को ठीक रखने के टिप्स

आज का जो समय चल रहा है इस मे प्रदूषण बढ़ गया है। हवा मे प्रदूषण pollution  हो गया है। खाने की सब चीजों मे खतरनाक दवाईयां मिली होती है। ऐसे मे हम अपने शरीर body को कैसे स्वास्थ्य रखें? यह एक बड़ा सवाल है। आदमी जीवन भर पैसे कमाता है। लेकिन यह पैसा भी व्यर्थ है अगर हमारी सेहत इस पैसे का सही इस्तेमाल करने के लिए ठीक नही। अक्सर देखा गया है मध्यमवर्गीय middle class और गरीब परिवार मे अगर कोई सदस्य किसी गंभीर बिमारी हो जाती है तो सारी जमा पूंजी उसके इलाज मे खर्च हो जाती है। ऐसे मे हमे चाहिए कि हम अपनी सेहत के प्रति ध्यान रखें और ऐसी बिमारियो diseases  से बचें। इस आर्टिकल मे मैं आप से अपनी सेहत को ठीक रखने के टिप्स शेयर करोगा।



•  Be conscious of your food | अपने खाने के प्रति सचेत रहे।

एक अच्छी सेहत good health के लिए जो सबसे पहला आधार है वो आपका खाना ही है। अगर आप अच्छा और साफ सुथरा खाना खा good meal रहे हो तो आपकी सेहत भी ठीक रहेगी। ताजा खाना खाएं। यह पचता जलदी है और सभी पोषक तत्व आपके सभी अंगो तक पहुंच जाते है। बासी या खराब खाना पचता नही, नतीजे मे आपको पेट दर्द, गैस जैसी बिमारी लग जाती है। तब आपको  तरह तरह की दवाईयां medicines खाने के आदि हो जाती है। जिनके गैस बनती है उन्हे तो रोजाना चूर्ण और दवाईयां खाते देखा गया है। यह सब कई बार शरीर मे कोई और बिमारी को जन्म दे देते है।

• How and when to eat?  खाना कैसा और कब खाएं?

अच्छे खाने के साथ साथ खाने का समय भी बहुत महत्व रखता है। दिन मे तीन से चार बार खाएं लेकिन थोड़ा-थोड़ा खाए, जिससे आपकी भूख भी शांत रहेगी और आपको जरूरी ऊर्जा energy भी मिलती रहेगी। अधिक घी वाला या तला हुआ खाना ना खाएं। डाक्टरों की भी यही सलाह है कि अधिक घी oily वाला खाना दिल के लिए हानिकारक होता है। सुबह नाश्ता breakfast अच्छे से करे। नाश्ते मे फल, अंडे, हरी सब्जी का प्रयोग ज्यादा करें। दोपहर का खाना भी अच्छे से करें। रात को बहुत कम खाएं, क्योंकि रात मे अगर अधिक खाना खाओगे तो वह आसानी से पचता digest नही।

फास्ट फूड fast food का सेवन ना करे। आज कल तो वैसे भी देखा गया है कि बच्चे फास्ट फूड के बहु शौकीन होते है। जिसका बुरा नतीजा बच्चो को बाद मे भुगतना पड़ता है। बच्चो को दस्त, पेट दर्द, खांसी जैसी बिमारियां ज्यादातर फास्ट फूड से ही लगती है। खाने मे तो हमेशा घर पर बना हुआ खाना ही खाएं। हरी सब्जी, दालें, दलिया, चावल आदि आप प्रतिदिन बदल बदल कर खा सकते है। मिर्च और मसाले का भी ध्यान रखें। जो भी खाना बना रहे हो उस मे मिर्च मसाला बहुत कम रखे। इनके अलावा प्रतिदिन फल fruits भी खाएं। जिनसे तरह तरह के विटामिन और पोषक तत्व मिलते है।

•  Keep body clean | शरीर को साफ रखना

शारीरिक सफाई की बात करें तो सबसे पहले हमे अपने हाथो को साफ रखना चाहिए। जब कभी भी बाहर से आए तो अपने हाथ और चेहरे को साबुन soap से अच्छे से साफ करे। ऐसा करने से जो खतरनाक बैक्टीरिया बाहर से आपके हाथो पर लगे होते है वह मर जाते है। आज कल तो स्वाईन फ्लू जैसी भयानक बिमारिया भी फैली हुई है जो हवा मे सांस लेने या बिमार व्यक्ति से हाथ hand मिलाने तक से हो जाती है। ऐसे मे अपने हाथो को साफ रखना और भी जरूरी हो जाता है । इसके अलावा प्रतिदिन daily अच्छे से नहाना चाहिए, अपने सभी अंगो को अच्छे से साफ रखें। मौसम के अनुसार गर्म और ठंडे पानी से नहाए।

•  Taking care of body weight | शारीरिक भार का ध्यान रखना

शारीरिक भार बहुत अधिक नही होना चाहिए, अच्छे स्वास्थ्य मे शारीरिक भार एक अहम रोल अदा करता है। अगर शारीर का भार अधिक होगा तो यह बिमारियो को आमंत्रित करता है। ज्यादा भार होने से आपके जोड़ो मे दर्द हो सकता है। इसके अलावा दिल की बिमारी, सांस फूलना आदि  जैसी बिमारियां हो सकती है। अधिक भार से आपका शारीरिक ढांचा तो खराब होता ही है दूसरो को दिखने मे भी अच्छा नही लगता। मोटापे fat से कई भार इंसान डिप्रेशन मे चला जाता है। डिप्रेशन मे आकर इंसान और अधिक खाने लग जाता है। मोटापे को दूर करने का एक ही सही तरीका है । कम खाना और नियमित व्यायाम करना यही इसका सही ईलाज है ।



• Regular exercise and walk |  नियमित व्यायाम और सैर करना।

नियमित व्यायाम और सैर करना भी बहुत ज्यादा जरूरी है। खासकर उन लोगो के लिए जो दिन भर एक ही जगह पर बैठे काम करते रहते है। ऐसे मे उनके शरीर मे खून का संचालन सारे अंगो तक सही से नही हो पाता। ऐसे लोगो को कमर दर्द, पैरो मे सूजन और आंखो मे जलन रहती है। अगर वह दिन मे कम से कम 2000 कदम चलेंगे तो उनके खून का संचालन सही से हो पाएगा। तेज सैर करने या दौड लगाने से दिल की धड़कन तेज चलने लगती है और खून का प्रवाह तेज हो जाता है।

अक्सर हम देखते है कि कई लोगो को दौरा पड जाता है। जिस से उनके शामिल का आधा हिस्सा या फिर कोई अंग काम करना बंद कर देता है। यह तभी होता है जब उस अंग तक खून नही पहुंचता। ऐसे मे डाक्टर उस व्यक्ति को कई तरह के व्यायाम करने की सलाह देता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को भी दिन मे कम से कम 15 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए।

ज्यादातर लोग आलस की वजह से या उन्हे किसी खुली जगह मे सबके सामने व्यायाम करने मे शर्म आती है, इसलिए वह ये सब नही कर पाते। अगर अपने आप को ठीक और स्वास्थ्य रखना है तो शर्म छोड़कर सैर और व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम के लिए किसी खुली जगह पर जाएं जिससे आपको ताजी हवा भी मिलती रहे।

•    Keep cleaning inside and outside the house | घर के अंदर एवं बाहर सफाई रखना।

घर के अंदर बाथरूम, रसोई, परदे, दीवारो के कोने अच्छे से साफ रखे। फर्श को फ्लोर क्लीनर से साफ रखें। घर के अंदर अधिक दिनों तक कूड़ा जमा कर के ना रखें। घर के छिपे हुए कोनो को अच्छी तरह से साफ रखे क्योंकि यह वह जगह होती है यहा पर मच्छर और कीट पैदा होते है। रसोई घर मे बासी खाना ना रखें। इस से बदबू तो पैदा होती ही है साथ रखा खाना खराब होने का डर रहता है। घर के फर्श को अच्छी तरह से साफ रखें। क्योंकि जिनके घर मे छोटे बच्चे होते है वह नीचे बैठकर खेलते है। ऐसे मे बच्चे फर्श पर  गिरी हुई खाने की चीजें उठाकर खा लेते है ।

•   Regular medical check up |  नियमित डाक्टरी जांच करवाना

स्वास्थ्य ठीक रखने का एक और टिप्स नियमित डाक्टरी जांच करवाना है। एक उम्र के बाद हर इंसान को अपनी नियमित डाक्टरी जांच करवानी चाहिए। अगर आपको कोई बिमारी होगी तो वह समय रहते पकड़ी जाएगी और समय रहते उसका इलाज संभव हो सकेगा। कई बार ऐसा होता है हमें बिमारी का पता नही चलता और इलाज शुरू करने मे बहुत देरी हो जाती है ऐसे मे मरीज के जान जाने का खतरा अधिक हो जाता है। अगर डाक्टरी जांच के दौरान आपकी कोई बिमारी पकड़ी जाए, तो डाक्टर की सलाह से जल्द से जल्द दवाई शुरू कर दें।


•   Be anxious and practice yoga |  चिंता मुक्त रहे और योग अभ्यास करे

शारीर मे बिमारी बढ़ने का एक मुख्य कारण चिंता भी है। अगर कोई व्यक्ति किसी काम, मनुष्य को लेकर चिंतित है, तो वह निश्चय ही किसी ना किसी बिमारी का शिकार हो जाता है। चिंतित व्यक्ति कभी भी सही निर्णय नही ले पाता। एक कहावत भी बहुत मशहूर है कि चिंता चिता सामान होती है। चिंता से मुक्त रहिए। बेवजह किसी बात की चिंता मत कीजिए। चिंता से मुक्त रहने के लिए योगासन करे। यह आपका मानसिक संतुलन बनाए रखने मे सहायता करता है। लगातार 15 20 मिनट तक ध्यान लगाने से मानसिक शांति मिलती है।



Drink clean or more water | साफ और अधिक पानी पिए

सेहत को ठीक रखने के लिए साफ पानी भी उतना ही महत्व रखता है जितना साफ भोजन होता है। अगर साफ पानी नही पिएंगे तो इस से पेट से सम्बंधित बिमारियां होने का खतरा बना रहता है। पानी को पीने से पहले अच्छी तरह उबाल लें और पानी को कुछ देर तक ठंडा होने दें। पानी को अच्छी तरह उबालने से इस मे मौजूद बैक्टीरिया समाप्त हो जाते है। पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए। अधिक पानी पीने से पसीना ज्यादा आता है जिससे शरीर के अंदर के हानिकारक बैक्टीरिया पसीने के साथ बाहर आ जाते है।


यह है सेहत को ठीक रखने के कुछ मुख्य उपाय। जिन्हे अपना कर आप एक स्वास्थ्य और लम्बा जीवन जी सकते है ।


Friday, May 3, 2019

How to motivate your children to study? अपने बच्चो को पढ़ाई के लिए कैसे प्रेरित करे?

बच्चो children को उनके अच्छे भविष्य के लिए पढ़ाई करना बहुत जरूरी होता है। सारे मां-बाप चाहते है कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर अपना उज्ज्वल भविष्य future बनाए और अच्छी नौकरी job पर लग जाए। जब बच्चा बोलने लग जाता है तब से ही उसकी पढ़ाई का ख्याल मन मे आने लग जाता है। मां-बाप बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा education देने के लिए उसे बढि़या स्कूल मे दाखिल करवाते है।

   अच्छे स्कूल मे तो हर कोई बच्चे को दाखिला admission दिलवा देता है। ठीक से पढ़ना या ना पढ़ना यह बच्चो पर निर्भर करता है। सभी बच्चे पढ़ने मे होशियार intellogent नही होते। ऐसे मे मां-बाप की चिंता और बढ़ जाती है। बच्चो का पढ़ाई मे मन नही लगता। आज कल तो वैसे भी टीवी, फोन के चलते बच्चो का ध्यान भटकता रहता है। इसके अलावा और भी कारण हो सकते है। इस आर्टिकल मे हम इन्ही कारणो और बच्चो को पढ़ाई study के लिए कैसे प्रेरित किया जाए, इस बारे मे चर्चा करेंगे।

जब बच्चा छोटा होता है तो हमे तब से ही उसे पढ़ाई की तरफ आकर्षित attract करना चाहिए। इसके लिए हमे बच्चो के कमरे मे बोर्ड,  पेंसिल,  पैन, कलर्स आदि रख देने चाहिए। जिससे बच्चे के मन मे अपने आप आए कि उसे कुछ लिखना या बनाना है। इस के अलावा अलग अलग भाषाओ languages की वर्णमाला से सम्बंधित किताबे भी देने चाहिए। हो सके तो बच्चो को खेल के माध्यम से अधिक सिखाने की कोशिश करें। यह तो है बच्चो की बात अगर हम पांचवी 5th से लेकर बारहवीं 12th तक के बच्चो की बात करे तो इनके और कारण हो सकते है।




The reason for not taking children's mind to study?
बच्चो का पढ़ाई मे मन ना लगने का कारण?


बहुत से बच्चे ऐसे होते है वह छोटी क्लास मे तो पढ़ने मे होशियार होते है लेकिन जैसे ही वह बड़ी क्लास class मे जाते है तो उनका मन पढ़ाई मे नही लगता। इस के बहुत से कारण होते है। इन कारणो को पहचानना identify  मां-बाप के लिए बहुत जरूरी होता है। तो चलिए इन कारणो के बारे मे बात करते है।

• बच्चे अक्सर घूमने फिरने मे ज्यादा ध्यान देते है। जिस कारण उनका मन पढ़ाई मे नही लगता।

• कुछ बच्चो को अधिक समय तक टीवी T.V और गाने सुनने की आदत होती है जिससे बच्चो की याददाश्त शक्ति पर असर पड़ता है।

• खेल कूद सभी बच्चो के लिए जरूरी होता है लेकिन आवश्यकता से अधिक समय तक खेलने से बच्चे अपनी पढ़ाई को टाईम time नही दे पाते, और वह पढ़ाई मे पीछे रह जाते है।

• बड़ी क्लास मे जाते ही अक्सर बच्चे गलत संगत मे फंस जाते है। वह अधिक खर्च करने, जुआ खेलने, नशा करने आदि जैसी बुरी आदतो bad habits शिकार हो जाते है। यह सब बच्चो का ध्यान पढ़ाई से भटकाता है।

• कई बच्चे ऐसे भी होते है जिन्हे मानसिक परेशानी होती है। मानसिक परेशानी से मतलब जैसे स्कूल मे ही उसे कोई तंग कर रहा होता है या स्कूल school से बाहर भी कोई बच्चे को तंग कर सकता है। ऐसे मे बच्चा अकेला alone रहने लगता। वह अपने मन की बात किसी से भी सांझी share नही करता। कई बार तो बच्चा डिप्रेशन depression शिकार हो जाता है।

यह कुछ मुख्य कारण है जिनके कारण reasons बच्चो का ध्यान पढ़ाई मे नही लगता। मां-बाप को चाहिए अगर इन मे से बच्चे के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो बच्चो के साथ बैठकर बात करे। उनसे प्यार से कारण पूछे। धीरे-धीरे से उन्हे इन समस्याओ से बाहर निकाले।

बच्चो को अधिक टीवी देखने ना दे। अगर हो सके तो बच्चो को मोबाइल फोन से बिल्कुल दूर रखें। माता-पिता को महीने मे कम से कम एक बार बच्चो के स्कूल जाकर उनके अध्यापकों से बच्चो के बारे मे पूछना चाहिए। सब से जरूरी बात अगर बच्चा घर मे अकेला रहता है और किसी से कोई बात नही करता तो ऐसे मे बच्चे को कोई मानसिक परेशानी भी हो सकती है। ऐसे मे बच्चे को मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए। तो इस प्रकार बच्चो की पढ़ाई मे आ रही कठिनाई को दूर किया जा सकता है और बच्चो को पढाई के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

Wednesday, May 1, 2019

How to prepare for tour and travel in hindi? यात्रा की तैयारी कैसे करें?

यात्रा सभी के जीवन का बहुत अहम हिस्सा part होती है। इस आर्टिकल से आपको यात्रा से पहले कैसी तैयारी करनी है, इस बात का अंदाजा हो जाएगा । यात्राएं  travelling, बहुत तरह की  होती है। कोई व्यक्ति घूमने फिरने के लिए जाता है तो कोई अपने व्यापार business  सम्बन्ध मे। कई व्यक्ति अपने खेलो की वजह से दूसरे देशो foreign countries मे जाते है। बच्चे तो अक्सर छुट्टियों के दिनो अपने रिश्तेदारो या किसी पर्यटन स्थल पर घूमने के लिए जाते है।

 यह यात्राएं व्यक्ति को आनंदित तो करती ही है साथ मे व्यक्ति के ज्ञान knowledge  मे भी बढ़ोतरी करती है। यात्रा छोटी हो या लम्बी अगर कुछ बातों का ध्यान ना रखा झाए और सावधानियां caution ना बरती जाए तो यह कषट का कारण बन सकती है। इसलिए किसी भी यात्रा  से पहले इसकी पूरी तैयारी करना आवश्यक होता है। मैं आशा करता हू कि इस आर्टिकल से आपको मदद मिलेगी।

How to prepare before traveling?   यात्रा से पहले की तैयारी कैसे करे?


यात्रा से पहले यात्रा संबंधी कुछ बातो का ध्यान रखना अति आवश्यक है। जैसे कोई व्यक्ति व्यापार के सम्बन्ध से यात्रा पर जाना जाता है। अगर वह दूर कही दूसरे राज्य state या देश मे जाना जाता है तो उसे पहले निर्णय करना होता है कि वह ट्रेन से जाए या फिर हवाई जहाज airoplane  से। उसे ट्रेन के समय के बारे मे पहले से ही पता होना चाहिए। अगर वह किसी पास वाले शहर मे जाना चाहता है तो अपनी गाड़ी car का प्रयोग कर सकता है।

अगर वह किसी दूसरे देश मे जाना चाहता है तो इसके लिए उसके पास एक पासपोर्ट passport होना जरूरी है। इसके इलावा उसके पास यात्रा के सभी जरूरी कागजात documents होने चाहिए ताकि दूसरे देश मे जाकर उसे किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।

How to book tickets of train and airoplane?
ट्रेन और एयरोप्लेन के टिकट कैसे बुक करें?

अगर आप यात्रा के लिए ट्रेन या हवाई जहाज की टिकट खरीदना चाहते है तो इस के लिए बहुत सी आनलाईन साईट  online sites है जिसके द्वारा आप अपनी मर्जी की तिथि date के अनुसार टिकट खरीद सकते है। इसी तरह आप ट्रेन train की आनलाइन टिकट खरीद सकते है। आनलाइन का एक फायदा यह भी है कि आज कल कैशबैक जैसी सुविधाए उपलब्ध होती है।

अगर आपको आनलाइन टिकट खरीदना नही आता तॅ आप  टिकट काउंटर counter से जाकर टिकट खरीद सकते है। आजकल तो बाजार मे बहुत सारे मान्यता affiliated प्राप्त टिकट काउंटर भी खुले हुए है आप वहा से जाकर टिकट खरीद सकते है।

What caution is there during the trip?
यात्रा के दौरान क्या सावधानी बरतें?

1. अगर आप घूमने के लिए जा रहे है तो सबसे पहले अपनी छुटिया देखे। उस हिसाब से यात्रा का SCHEDULE तैयार करे।

2. अगर आप अपनी गाड़ी car मे जा रहे है तो उस गाड़ी की जांच अच्छे से करवा लें।

3. जिस भी जगह घूमने जाना चाहते है वहा के मौसम wheather conditions के बारे मे पता करके ही चले।

4. जरूरी दवाईयां medicines और  कपडे भी साथ मे ले जाए।

5. अगर आप बस या ट्रेन से जा रहे है तो इनके जाने और वापस आने के समय के बारे मे पहले ही पता लगा लें।