किसी भी व्यक्ति के लिए आत्मसम्मान जिंदगी का एक अहम हिस्सा होता है। जिस व्यक्ति मे आत्मसम्मान जिंदा हो, वह जिंदगी मे बेवजह किसी के आगे झुकता नही। ना ही वह किसी गलत रास्ते पर चलता है। अगर कोई व्यक्ति आत्मसम्मान नही रखता तो उसे जिंदगी मे आगे चलकर जरूर पछतावा होता है। यह कहानी भी एक व्यक्ति के आत्मसम्मान को दर्शाती है। आत्मसम्मान व्यक्ति के अन्दर कैसे सहजता और मेहनत करने का बल भर देता है, इस कहानी मे दर्शाया गया है।
बात उन दिनो की है जब मैं एक परीक्षा देने के लिए पटियाला गया हुआ था। मैंने बहुत सारी ऐसी परीक्षा दी थी, लेकिन मुझे कही भी नौकरी नही मिल रही थी। उस दिन मैं पूरी तैयारी के साथ परीक्षा देने के लिए गया था। मेरी परीक्षा ठीक से हो गई थी। मेरे जैसे सैकंडो बेरोजगार यह परीक्षा देने आए थे। सब एक आशा लेकर आए हुए थे। परीक्षा के बाद सब एक दूसरे से परीक्षा के बारे मे ही बात करने लग गए। सब की स्थिति एक जैसी थी जिसके कारण घूलने मिलने मे टाईम नही लगा।
परीक्षा केन्द्र से बाहर निकलते ही मुझे भी एक परीक्षार्थी मिल गया। मैंने उस से उसकी परीक्षा के बारे मे पूछा। उस ने भी मुझे मेरी परीक्षा के बारे मे पूछा। जब मैंने उस से पूछा के कहा जाना है उसने? तो उसने बताया कि वह जालन्धर जाएगा। मैंने भी हंसकर उस से कहा कि मैं भी जालन्धर की तरफ ही जा रहा हू। तो हम दोनो बस स्टैंड की तरफ साथ मे ही चल दिए। बस स्टैंड पर जाकर हमने सबसे पहले दोपहर का खाना खाया।
खाना खाने के बाद हमने टिकट काउंटर से टिकट लिया और बस मे बैठ गया। हम दोनो बाते करने लगे। मैंने उसे बताया कि मै दो साल से लगातार कई परीक्षाएं थे चुका हू। पर मेरी कही भी नौकरी नही लगी। उस ने मुझसे पूछाकि कोई और काम भी करते हो। मैंने हंस कर जबाब दिया कि अभी तक तो और कोई काम नही किया। मैंने भी उसे से पूछा कि तुम कोई और काम करते हो तो उसने बताया कि वह पहले से ही एक सरकारी विभाग मे काम कर रहा है।
उसने बताया कि उसकी शादी हो चुकी है। उसके दो बच्चे भी है। वह जो नौकरी कर रहा है, इसमे आमदनी बहुत कम है। इसलिए वह कोई दूसरी नौकरी करना चाहता है। इस तरह हम सफर मे बाते करते रहे। बातो बातो मे मैने उस से कहा कि मैं जिंदगी से बहुत परेशान हो मुझे कोई भी नौकरी नही मिल रही। इस के बाद उसने मुझे जो अपनी आपबीती सुनाई मे उसे सुनकर हैरान रह गया।
उसने बताया कि वह बेरोजगारी से तंग आकर दूसरे देश मे गया था। लेकिन उसने वहा पर स्थाई तौर पर रहने के लिए एक लड़की से शादी कर ली थी। वह भारत से ही थी। लेकिन जब मुझे कानूनी तौर पर वहा रहने के कागजात मिलने थे तो उस लड़की ने मुझे से यह कहना शुरू कर दिया कि वह उसकी वजह से पक्का होने जा रहा है। इस बात से मेरे आत्मसम्मान को बहुत धक्का लगा। मै दूसरे दिन ही भारत वापस आ गया ।
घर आकर पहले तो मै बहुत निराश हुआ लेकिन मैंने मन ही मन मे सोच लिया था कि मै मेहनत कर के यही पर नौकरी करूंगा। मैंने दो साल तक लगातार मेहनत की और मुझे सरकारी नौकरी मिल गई। उसने मुझसे कहा कि जीवन मे किसी भी कठिन परिस्थिति मे घबराना नही चाहिए इसका डट कर मुकाबला करना चाहिए। कभी भी अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता कर ना नही चाहिए। इस तरह मुझे इस सफर मे बहुत कुछ सीखने को मिला ।
बात उन दिनो की है जब मैं एक परीक्षा देने के लिए पटियाला गया हुआ था। मैंने बहुत सारी ऐसी परीक्षा दी थी, लेकिन मुझे कही भी नौकरी नही मिल रही थी। उस दिन मैं पूरी तैयारी के साथ परीक्षा देने के लिए गया था। मेरी परीक्षा ठीक से हो गई थी। मेरे जैसे सैकंडो बेरोजगार यह परीक्षा देने आए थे। सब एक आशा लेकर आए हुए थे। परीक्षा के बाद सब एक दूसरे से परीक्षा के बारे मे ही बात करने लग गए। सब की स्थिति एक जैसी थी जिसके कारण घूलने मिलने मे टाईम नही लगा।
परीक्षा केन्द्र से बाहर निकलते ही मुझे भी एक परीक्षार्थी मिल गया। मैंने उस से उसकी परीक्षा के बारे मे पूछा। उस ने भी मुझे मेरी परीक्षा के बारे मे पूछा। जब मैंने उस से पूछा के कहा जाना है उसने? तो उसने बताया कि वह जालन्धर जाएगा। मैंने भी हंसकर उस से कहा कि मैं भी जालन्धर की तरफ ही जा रहा हू। तो हम दोनो बस स्टैंड की तरफ साथ मे ही चल दिए। बस स्टैंड पर जाकर हमने सबसे पहले दोपहर का खाना खाया।
खाना खाने के बाद हमने टिकट काउंटर से टिकट लिया और बस मे बैठ गया। हम दोनो बाते करने लगे। मैंने उसे बताया कि मै दो साल से लगातार कई परीक्षाएं थे चुका हू। पर मेरी कही भी नौकरी नही लगी। उस ने मुझसे पूछाकि कोई और काम भी करते हो। मैंने हंस कर जबाब दिया कि अभी तक तो और कोई काम नही किया। मैंने भी उसे से पूछा कि तुम कोई और काम करते हो तो उसने बताया कि वह पहले से ही एक सरकारी विभाग मे काम कर रहा है।
उसने बताया कि उसकी शादी हो चुकी है। उसके दो बच्चे भी है। वह जो नौकरी कर रहा है, इसमे आमदनी बहुत कम है। इसलिए वह कोई दूसरी नौकरी करना चाहता है। इस तरह हम सफर मे बाते करते रहे। बातो बातो मे मैने उस से कहा कि मैं जिंदगी से बहुत परेशान हो मुझे कोई भी नौकरी नही मिल रही। इस के बाद उसने मुझे जो अपनी आपबीती सुनाई मे उसे सुनकर हैरान रह गया।
उसने बताया कि वह बेरोजगारी से तंग आकर दूसरे देश मे गया था। लेकिन उसने वहा पर स्थाई तौर पर रहने के लिए एक लड़की से शादी कर ली थी। वह भारत से ही थी। लेकिन जब मुझे कानूनी तौर पर वहा रहने के कागजात मिलने थे तो उस लड़की ने मुझे से यह कहना शुरू कर दिया कि वह उसकी वजह से पक्का होने जा रहा है। इस बात से मेरे आत्मसम्मान को बहुत धक्का लगा। मै दूसरे दिन ही भारत वापस आ गया ।
घर आकर पहले तो मै बहुत निराश हुआ लेकिन मैंने मन ही मन मे सोच लिया था कि मै मेहनत कर के यही पर नौकरी करूंगा। मैंने दो साल तक लगातार मेहनत की और मुझे सरकारी नौकरी मिल गई। उसने मुझसे कहा कि जीवन मे किसी भी कठिन परिस्थिति मे घबराना नही चाहिए इसका डट कर मुकाबला करना चाहिए। कभी भी अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता कर ना नही चाहिए। इस तरह मुझे इस सफर मे बहुत कुछ सीखने को मिला ।
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