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Sunday, May 31, 2020

तेरे रूबरू || Tere Ruburu || Hindi Poetry || Hindi kavita

वो हर पल याद है मुझे
मैं जब भी रूबरू थी तेरे।

वो इशारों की पहेलीयां,
बातों की सौगातें...
सौ सौ कसमें वादे तेरे।
वो हर पल याद है मुझे
मैं जब भी रूबरू थी तेरे।

वो दिन.., वो रातें..
वो रोज की इबादतें
जो शुरू थी नाम से तेरें
वो हर पल याद है मुझे
मैं जब भी रूबरू थी तेरे।

वो डर.., वो सहम..
और देखी तेरी हिम्मत
जब मिलने,, लांग आते थे,
सब बंदिशों के घेरे...
वो हर पल याद है मुझे
मैं जब भी रूबरू थी तेरे।

वो गीत.. वो खत ..,
तेरे लिखे हुए पैगाम।
आज भी पड़े है
पास मेरे ....
वो हर पल याद है मुझे
मैं जब भी रूबरू थी तेरे।

                        Written by Rashpal Singh





अगर मोहब्बत मुकम्मल ना हो तो दुखी मत होना ।
उनके लिए
जिन हाथो से छाए करनी थी अब उन्ही हाथो से दुआएं कर लेना।


                             By Rashpal Singh





Top 5 Hindi Best Shayari

            " ये लोग | Yeh Log "

बुराईयों का ढेर लगाते है तुम्हारे खिलाफ
सामने आते ही बड़े अदब से पेश आते है ये लोग ।

तुम्हारी हर बात.. को काटने की कोशिश करेंगे, ,,
बगल मे शूरी लिए घूम रहे है ये लोग ।

भरते है जहर दूसरो के कानो मे तुम्हारे खिलाफ ..
तुम्हे देखते ही दुआ सलाम करते है ये लोग ।

कोई तो ईनाम होना चाहिए इनकी मेहनत के लिए
तुम्हारे घर की हर खबर रखते है ये लोग ।

पूछेगें कहा थे? बड़े दिनो से देखा नही..
 मुसीबत मे तुम्हे देखते ही आंखे चुरा लेते है ये लोग ।



                        Written by - Rashpal Singh





कभी ना आता वो इंसानो की बस्ती मे
अगर पता होता उस बेजुबान को,
कि इतनी तरक्की कर ली है जमाने ने
इंसान बारूद मिला के खिलाता है खाने मे।



लाकडाऊन मे नियमों का पहरा सख्ती से लग गया ।
एक गरीब बाप , बेटी की शादी मे कर्जदार होने से बच गया।

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